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ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम की जीवनी और डॉ कलाम की पूरी जानकारी

आज हम भारत के पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न से सम्मानित ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम की जीवनी पर प्रकाश डालेंगे |एपीजे अब्दुल कलाम का पुरा नाम अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम था एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन (15 अक्टूबर 1931 से 27 जुलाई 2015) इस दौरान इन्होने भारत के विकास के लिए अनेक योगदान दिए जिनको हम नीचे विस्तार से जानेगे |

डॉ कलाम को मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय के ग्यारहवें राष्ट्रपति थे एवं भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में भी प्रसीद थे। डॉ अब्दुल कलाम सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी व विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन से 2002 में भारत के राष्ट्रपति बने थे | डॉ कलाम को भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई अन्य पुरस्कार से नवाज़ा गया है |

आइये जानते है डॉ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम की जीवनी के बारे में

1. डॉ कलाम का प्रारम्भिक जीवन

ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम की जीवनी में हम अभी डॉ कलाम के प्रारम्भिक जीवन बात करेंगे |
डॉ कलाम का जनम 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में हुआ था | इनके पिता जैनुलाब्दीन ज़्यादा पढ़े-लिखे और पैसे वाले नहीं थे।

इनके पिता मछुआरों को अपनी नाव किराये पर देते थे। अब्दुल कलाम के पांच भाई एवं पाँच बहन थे और इनके घर में तीन परिवार रहा करते थे | अब्दुल कलाम के जीवन पर अपने पिता का काफी प्रभाव रहा है।पांच वर्ष की आयु में उनके गांव के प्राथमिक विद्यालय में उनका दीक्षा-संस्कार हुआ ।

एक बार डॉ कलाम को पांचवी कक्षा में उनके अध्यापक उन्हें पक्षी के उड़ने के तरीके की जानकारी दे रहे थे | लेकिन जब विद्यार्थीयो को समझ नही आया तब अध्यापक उनको समुद्र तट ले गए जहाँ पर उड़ते हुए पक्षियों को दिखाकर अच्छे से समझाया गया | इन्ही पक्षियों को देखकर कलाम के मन में विज्ञान के प्रति अपनी जिज्ञासा जाग्रत हुई । कलाम ने यह तय कर लिया की उनको विज्ञान में ही जाना है | इसके बाद अब्दुल कलाम ने अपनी प्राम्भिक पढ़ाई को जारी रखने के लिए अख़बार बेचने का काम भी किया |


डॉ कलाम ने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि ली । स्नातक के बाद उन्होंने हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम करने के लिये भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश लिया ।

सन 1962 में उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में प्रवेश किया जहाँ पर उन्होंने कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी 3 के निर्माण में भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की | जिसके बाद जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित किया ।

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2. डॉ कलाम का वैज्ञानिक जीवन

ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम की जीवनी के बाद अब हम आ पहुंचे है डॉ कलाम के वैज्ञानिक जीवन पर |
डॉ कलाम 1972 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान से जुड़े। डॉ कलाम ने भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (एस.एल.वी. तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाया। 1980 में कलाम ने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के पास स्थापित किय। इससे भारत को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बनने का गौरव हांसिल हुआ।इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को सफलता दिलाने का श्रेय भी डॉ कलाम को जाता है।

डॉ कलाम ने अग्नि एवं पृथ्वी जैसी मिसाइलों को स्वदेशी तकनीक से बनाया। अब्दुल कलाम 1992 से 1999 तक रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव रहे | डॉ कलाम 1992 में सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे थे | उनकी देखरेख में भारत ने 1998 में दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया एवं भारत परमाणु शक्ति से संपन्न देशो की सूची में शामिल हुआ |

डॉ कलाम को 2002 में बीजेपी एवं एन॰डी॰ए॰ ने अपना उम्मीदवार बनाया जिसमे समस्त दलों ने समर्थन किया। 18 जुलाई 2002 को डॉ कलाम को 90 % वोटो से देश का राष्ट्रपति चुना गया | 25 जुलाई 2002 को इन्होने संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ ली | इनका कार्याकाल 25 जुलाई 2007 को समाप्त हुआ |

अब्दुल कलाम व्यक्तिगत ज़िन्दगी में बेहद अनुशासनप्रिय व्यक्ति और शाकाहारी थे डॉ कलाम ने बहुत सी पुस्तके लिखी |
इन्होने अपनी जीवनी विंग्स ऑफ़ फायर बुक में जो भारतीय युवाओं को मार्गदर्शित करती रहेगी। डॉ कलाम की दूसरी पुस्तक ‘गाइडिंग सोल्स- डायलॉग्स ऑफ़ द पर्पज ऑफ़ लाइफ’ लिखी है | डॉ कलाम ने तमिल भाषा में भी अनेक कविताऐं लिखी है | डॉ कलाम की पुस्तकों को भारत के अलावा दक्षिणी कोरिया में भी बहुत पसंद किया जाता है |

3. राष्ट्रपति के बाद का सफर

ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम की जीवनी – राष्ट्रपति के बाद डॉ कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर व भारतीय विज्ञान संस्थान,बैंगलोर के मानद फैलो एवं विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में भूमिका निभाई | डॉ कलाम भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम के कुलाधिपति, अन्ना विश्वविद्यालय में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग प्रोफेसर और भारत में अनेक शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में सहायक के रूप में भी रहे ।

इसके अलावा वे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अन्ना विश्वविद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी, और अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद में भी पढ़ाया |

डॉ कलाम को 2003 व 2006 में “एमटीवी यूथ आइकन ऑफ़ द इयर” के लिए नामांकित किया गया |
2011 में आयी हिंदी फिल्म आई एम कलाम में, एक बच्चे पर कलाम के सकारात्मक प्रभाव को दिखाया गया।

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4. डॉ कलाम का व्यक्तिगत जीवन

ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम की जीवनी में डॉ कलाम का व्यक्तिगत जीवन बड़ा ही अनुसासन वाला था |
व्यक्तिगत जीवन में डॉ कलाम अनुशासन का पालन करने वालों में से एक थे। डॉ कलाम क़ुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्ययन किया करते थे | इसके आलावा यह कहा जाता है वे तिरुक्कुरल का भी अनुसरण करते थे उनके भाषणों में कम से कम एक कुरल का जरूर उल्लेख मिलता है |

एक राष्ट्रपति के रूप में डॉ कलाम की यह इच्छा थी कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका विस्तार हो | भारत को महाशक्ति बनने की दिशा में कदम बढाते देखना उनकी दिल से चाहत थी। उन्होंने कई प्रेरणास्पद पुस्तके भी लिखी | बच्चों और युवाओं के बीच डॉ कलाम अत्यधिक लोकप्रिय थे। कलाम भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कुलपति भी रहे । डॉ कलाम जीवनभर शाकाहारी रहे थे |

5. पुरस्कार एवं सम्मान

पुरस्कार एवं सम्मान कलाम के 79 वें जन्मदिन पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरुवात हुई।डॉ कलाम को चालीस विश्वविद्यालयों द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्रदान की गयी |भारत सरकार के द्वारा 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण का सम्मान से नवाजा गया जो उनके द्वारा इसरो और डी आर डी ओ में कार्यों के दौरान वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए गया |

सन 1997 में डॉ कलाम को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया यह सम्मान उनके द्वारा वैज्ञानिक अनुसंधानों और भारत में तकनीकी के विकास में योगदान के लिए दिया गया |

वर्ष 2005 में स्विट्ज़रलैंड की सरकार द्वारा डॉ कलाम के स्विट्ज़रलैंड आने पर 26 मई को विज्ञान दिवस घोषित किया।नेशनल स्पेस सोशायटी ने 2013 में उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान सम्बंधित परियोजनाओं के कुशल और प्रबंधन के लिये वॉन ब्राउन अवार्ड से सम्मानित किया गया |

साल सम्मानपुरस्कार का नाम प्रदाता संस्था
2014डॉक्टर ऑफ़ साइन्स एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम
2012डॉक्टर ऑफ़ लॉज़ (मानद उपाधि) साइमन फ़्रेज़र विश्वविद्यालय
2011आइ॰ई॰ई॰ई॰ मानद सदस्यता आइ॰ई॰ई॰ई॰
2010डॉक्टर ऑफ इन्जीनियरिंग यूनिवर्सिटी ऑफ़ वाटरलू
2009मानद डॉक्टरेट ऑकलैंड विश्वविद्यालय
2009हूवर मेडल ए॰एस॰एम॰ई॰ फाउण्डेशन, (सं॰रा॰अमेरिका )
2009वॉन कार्मन विंग्स अन्तर्राष्ट्रीय अवार्ड कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, (अमेरिका )
2008डॉक्टर ऑफ इन्जीनियरिंग (मानद उपाधि) नानयांग टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय, सिंगापुर
2008डॉक्टर ऑफ साइन्स (मानद उपाधि) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़
2007डॉक्टर ऑफ साइन्स एण्ड टेक्नोलॉजी कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय
की मानद उपाधि
2007किंग चार्ल्स II मेडल रॉयल सोसायटी, यूनाइटेड किंगडम
2007किंग चार्ल्स II मेडल रॉयल सोसायटी, यूनाइटेड किंगडम
2007डॉक्टर ऑफ साइन्स की मानद उपाधि वूल्वरहैंप्टन विश्वविद्यालय, यूनाईटेड किंगडम
2000रामानुजन पुरस्कार अल्वार्स शोध संस्थान, चेन्नई
1998वीर सावरकर पुरस्कार भारत सरकार
1997इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
1997भारत रत्न भारत सरकार
1994विशिष्ट शोधार्थी इंस्टीट्यूट ऑफ़ डायरेक्टर्स (इण्डिया)
1990पद्म विभूषण भारत सरकार
19811981 पद्म भूषण भारत सरकाo

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6. डॉ कलाम की पुस्तके

ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम की जीवनी – मिसाइल मेन के नाम से विख्यात डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवन में अनेक पुस्तकों की रचना की | डॉ कलाम ने अपने जीवन काल में लगभग 25 पुस्तके लिखी |

कलाम की बेहद लोकप्रिय पुस्तकों में चार प्रमुख रूप से है जो देश ही नहीं विदेशो में भी बहुत लोकप्रिय हुई जो इस प्रकार हैं:- “इण्डिया 2020 – ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम” सन 1998 , “माई जर्नी” सन 2014 तथा “इग्नाटिड माइंड्स- अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया” सन 2002,” विंग्स ऑफ़ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी” सन 1999 इन पुस्तकों का कई भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। नीचे उनके द्वारा लिखित 25 पुस्तकों की सूची दी जा रही है –

प्रकाशन वर्षकलाम द्वारा लिखित पुस्तके
1998इंडिया 2020: ऐ विज़न फॉर द न्यू मिलेनियम
1999विंग्स ऑफ़ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी
2002इग्नाइटेड माइंडस: अन्लेशिंग द पॉवर विथिन इंडिया
2004द लुमिनिउस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स
2005गाइडिंग सोल्स : डायलॉग्स ओन द पर्पज ऑफ़ लाइफ
2005मिशन ऑफ़ इंडिया: ए विज़न ऑफ़ इंडिया यूथ
2007इन्स्पिरिंग थॉट्स: कोटेशन क्यूटेशन सीरीज
2011यू आर बोर्न टू ब्लॉसम: टेक माय जर्नी बियॉन्ड
2011द साइंटिफिक इंडिया: ए ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी गाइड टू द वर्ल्ड अराउंड अस
2011फेलियर तो सक्सेस: लेजेंडरी लिव्स
2011टारगेट 3 बिलियन
2012यू आर यूनिक: स्केल न्यू हाइट्स बाए थॉट्स एंड एक्शनस
2012टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी थ्रू चैलेंजस
2013इन्डोमिटेवल स्पिरिट
2013स्पिरिट ऑफ़ इंडिया
2013थॉट्स फॉर चेंज: वी कैन डू इट
2014माय जर्नी : ट्रांस्फोर्मिंग ड्रीम्स इनटू एक्शनस
2014गवर्नेंस फॉर ग्रोथ इन इंडिया
2014मैनिफेस्टो फॉर चेंज
2014फोर्ज योर फ्यूचर: कैंडिड , फोर्थराईट, इंस्पाइरिंग
2014ब्योंड 2020: ए विज़न फॉर टुमारो इंडिया
2015द गाइडिंग लाइट: ए सिलेक्शन ऑफ़ कोटेशन फ्रॉम माई फेवरिट बुक्स
2015रेगनिटेड: साइंटिफिक पाथवेयस टू ए ब्राईटर फ्यूचर
2015द फैमिली एंड थे नेशन
2015ट्रांस्सन्देंस माई स्पिरिचुअल एक्सपीरियंसीस

7. डॉ कलाम का निधन

ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम की जीवनी – डॉ कलाम का निधन 27 जुलाई 2016 को मेघालय के शिलॉन्ग में 7 बजकर 45 मिनट पर हुआ |अपने निधन से लगभग 9 घण्टे पहले ही कलाम साहब ने ट्वीट करके बताया था कि वह शिलोंग आईआईएम में लेक्चर देने जा रहे हैं।उसके बाद अचानक आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर देते गिर पड़े और पता चला की उन्हें हार्ड अटैक आया है |

मृत्यु के तुरंत बाद डॉ कलाम साहब के शरीर को भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर से शिलांग से गुवाहाटी लाया गया। वहा से अगले दिन 28 जुलाई को एपीजे अब्दुल कलाम का पार्थि‍व शरीर वायुसेना से दिल्ली लाया गया।

30 जुलाई 2015 को पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को पूरे राजकीय सम्मान के साथ रामेश्वरम के पी करूम्बु ग्राउंड में दफ़ना दिया। उनके अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री मोदी, तमिलनाडु के राज्यपाल एवं कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ ही 3,50,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया।

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आज हमने महान वैज्ञानिक डॉ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम की जीवनी प्रकाश डाला और उनके जीवन के हर पहलू को अच्छी तरह से समझा है | आपको भी उनके जीवन से प्रेरणा मिली होगी अत: आपको यह पोस्ट कैसी लगी हमे कमेंट करके जरूर बताये अगर इस पोस्ट में कुछ छूट गया हो तो भी हमे जरूर बताये |

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