एंड्राइड क्या होता है ? और एंड्राइड कैसे काम करता है ?

क्युकी आज के टाइम में बिना ऑपरेटिंग सिस्टम हमारा मोबाइल कुछ भी नहीं है और आज के टाइम में सबसे पॉपुलर ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्राइड ही है इसलिए हम एंड्राइड क्या होता है ? और एंड्राइड कैसे काम करता है से सम्बंदित सभी जानकारी को जानेंगे |

एंड्राइड क्या होता है ?

एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम एक मोबाइल पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे Google द्वारा मुख्य रूप से टचस्क्रीन डिवाइस, सेल फोन और टैबलेट के लिए उपयोग किया जाता है| इस ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा हम मोबाइल में टच स्क्रीन से हेरफेर करने की सुविधा देता है, जिसमें उंगली की हरकतें होती हैं, जैसे कि पिंच करना, स्वाइप करना और टैप करना। Google के द्वारा टेलीविज़न, कार, और कलाई घड़ी में भी एंड्रॉइड सॉफ़्टवेयर चलाया जाता है – जिनमें से प्रत्येक एक अद्वितीय उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस के साथ सुसज्जित है।

क्युकी एंड्रॉइड एक ऑपरेटिंग सिस्टम है, इसका उद्देश्य उपयोगकर्ता और डिवाइस के मध्य सम्बन्ध स्थापित करना है। उदाहरण के लिए, जब कोई उपयोगकर्ता कुछ भेजना चाहता है, तो Android यूजर के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम एक बटन प्रदान करता है। जब यूजर उस बटन पर क्लिक करता है, तो एंड्रॉइड कुछ भी भेजने के लिए फोन को निर्देश देता है।

हर साल, Google Android ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए नए अपडेट लाता है, Google निर्माताओं को मुफ्त में एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम देता है। एचटीसी, सैमसंग, एलजी, हुआवेई, लेनोवो और सोनी,जिओमी निर्माता हैं जो अपने फ़ोन या उपकरण पर एंड्रॉइड चलाते हैं। Android लगभग 1 बिलियन उपकरणों पर चल रहा है।

अब आपके मन में एक सवाल उठ रहा होगा की एंड्राइड अलग अलग डिवाइस पर अलग अलग क्यों दीखता है? इसका उत्तर यह होगा कि एंड्रॉइड के कई वर्ज़न हैं। क्युकी एंड्रॉइड एक ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर है, इसलिए इसके निर्माता बेहतर करने के लिए सॉफ़्टवेयर में बदलाव कर सकते हैं। एंड्रॉइड के “शुद्ध” या “वेनिला” वर्जन को स्टॉक एंड्रॉइड कहा जाता है।

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एंड्राइड की खोज

एंड्राइड की खोज

एंड्रॉइड को सबसे पहले इन् चार लोगों ने मिलकर बनाया था, एंड्राइड की खोज करने वालो में Andy Rubin, Rich Miner, Nick Sears, और Chris White है।

एंड्राइड का इतिहास

एंड्राइड क्या होता है ? – अगर हम बात करें कि Android का इतिहास की तो एंड्राइड की शुरुआत सबसे पहले 2003 में Android Inc नाम की एक कम्पनी से शुरू हुई।इनके फाउंडर के नाम Andy Rubin, Rich Miner, Nick Sears, और Chris White है।अपने शुरूआती दौर में Android को सिर्फ केमरा के लिए विकसित किया गया लेकिन समय के गुजरने के साथ साथ यह बात समझ आने लगी कि कैमरा का मार्केट बहुत छोटा है, और इसमें इन्वेस्टमेंट करने के बाद रिटर्न उतना अच्छा नहीं मिलेगा इसलिए बाद में उन्होंने अपने प्रोजेक्ट को मोबाइल डिवाइस के ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने की दिशा में ले जाया गया |

जुलाई 2005 में गूगल ने एंड्रॉइड को ख़रीद लिया और इस वजह से इस कम्पनी के फाउंडर्स भी गूगल में आ गये। गूगल तथा एंड्रॉइड के बीच यह डील लगभग $50 Million डॉलर में हुई। उस वक्त इस प्रोजेक्ट के टीम लीडर Andy Rubin थे और 2007 में गूगल द्वारा यह घोषणा कर दी गयी कि गूगल ने Android OS (Operating System) को विकसित कर रहा है, और फिर 2008 में HTC ने एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर अपना पहला मोबाइल फोन लॉन्च किया।

Android v/s Apple iOS

एंड्राइड क्या होता है ? – एंड्रॉइड के आने पर स्मार्टफोन निर्माताओं के बीच एक नया कम्पटीशन उत्प्न हो गया , जिसमें ऐप्पल और Google दोनों एक दूसरे के प्रतियोगी हो गए । एंड्रॉइड मोबाइल उपकरणों के लिए पर सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम बन गया , जिसमें एंड्राइड की वैश्विक बाजार की हिस्सेदारी 74.3% है। Apple का iOS 24.8% के साथ दूसरे स्थान पर है।

एंड्राइड की बढ़ती लोकप्रियता से कई पेटेंट-संबंधित मुकदमों को जन्म दिया है। नवीनतम ओरेकल जो दावा करता है कि Google ने अपने एंड्रॉइड सॉफ्टवेयर को विकसित करने में जावा एपीआई का गैरकानूनी रूप में उपयोग किया है।

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एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम की सीमाएं

एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम की सीमाएं

एंड्राइड की कई सीमाएं हैं –
डेवलपर के द्वारा जटिल उपयोगकर्ता अनुभव और इंटरफेस को कोड करना एक मुश्किल भरा काम होता है जो एंड्राइड की तुलना में जावा पर अधिक निर्भरता की मांग करता है। उपयोगकर्ताओं के लिए, Android Market के ऐप्स में ऐप स्टोर की तुलना में कम मानक होते हैं।

दूसरे शब्दों में कहे तो एप्लिकेशन में सुरक्षा काफी कम होती हैं और जो उपयोगकर्ताओं का डेटा चोरी होने का जोखिम बना रहता है। इस बीच में एंड्रॉइड की आवाज-नियंत्रित सहायक की कमी और विज्ञापन पर भारी निर्भरता भी कुछ कमिया है |

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एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के फायदे

एंड्राइड क्या होता है ? – एंड्राइड का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि उपयोगकर्ता के पास इन्समे बहुत सारे विकल्प मिलते हैं। हजारों अलग-अलग डिवाइस हैं जो एंड्रॉइड को उसके ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में चलाते हैं। यदि आप आईओएस खरीदना चाहते हैं, तो आपको आईफोन खरीदने की जरूरत भी नहीं होती है। एंड्रॉइड सॉफ्टवेयर को उपयोगकर्ता के पास कई विकल्प मिलते हैं।

यूजर के लिए यह जानना बेहद आसान होता है कि उनका फोन एंड्रॉइड के साथ कैसे काम करता है और किस तरह दिखता है। एंड्रॉइड स्टोर पर बहुत प्रकार के गुणवत्ता वाले ऐप भी मौजूद हैं, हालाँकि एंड्रॉइड के ऐप स्टोर ऐप्पल के ऐप स्टोर की तुलना में कम नियंत्रित होते हैं, जो एंड्रॉइड ऐप डेवलपर्स को एंड्रॉइड ऐप डेवलपमेंट पर ध्यान केंद्रित करने को प्रोत्साहित करता है।

आभासी वातावरण में ट्रेडों को जमा करना। ट्रेडिंग रणनीतियों का अभ्यास करना ताकि जब आप वास्तविक बाजार में प्रवेश करने के लिए तैयार हों रहे हो , तो आपको अपनी जरूरत का अभ्यास मिल सके ।

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आज हमने एंड्राइड क्या होता है और एंड्राइड कैसे काम करता है ? से सम्बंदित सारी जानकारी को विस्तार से जाना उम्मीद है आपको यह पोस्ट पसंद आयी होगी अगर फिर भी कोई मन में सवाल हो या कोई जानकारी छूट गयी हो तो कमेंट करके जरूर बताये |

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