आज हम बात कर रहे है इंटरनेट के बारे में और जानेंगे इंटरनेट क्या होता है और कैसे काम करता है ? दोस्तों इंटरनेट का उपयोग हम सभी करते है |इंटरनेट हम जिंदगी की मूलभूत जरूरत (Fundamental Need) बन चुका है। इंटरनेट के बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है।
इंटरनेट, जिसे हम शॉर्टकट में “नेट” भी कहते है,इंटरनेट कंप्यूटर और नेटवर्क का विश्वव्यापी जाल है इस प्रणाली में लाखो कंप्यूटर एक साथ RUN करते है – इंटरनेट को नेटवर्को का नेटवर्क भी कहा जाता है जिसमें उपयोगकर्ता किसी भी एक कंप्यूटर पर,उसकी अनुमति से किसी अन्य कंप्यूटर से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
क्या आपको ऐसा समय याद हैं जब ट्वीट, पोस्ट, ईमेल, ब्लॉग, स्नैप, या कोई भी ONLINE चीज़े नहीं होती थी ? आज हम सभी लोग बड़े हो गए है और इन सभी चीजों को करने में सक्षम हैं। लेकिन एक समय था जब इसमें से कोई भी संभव नहीं था। यह आज सिर्फ और सिर्फ इंटरनेट की वजह से संभव हुआ है जिसे हम इंटरनेट कहते हैं| अब हम जानते है इंटरनेट क्या होता है और कैसे काम करता है ?
1. इंटरनेट क्या होता है ? WHAT IS INTERNET?
इंटरनेट क्या होता है इंटरनेट एक मकड़ी के जाले की तरह ALL WORLD में फैला महाजाल है। जो दुनिया का सबसे बड़ा और सभी कंप्यूटर को आपस में जोड़ने वाला नेटवर्क है। यह INFORMATION TECHNOLOGY की आधुनिक में से एक प्रणाली है, जो COMMUNICATION के मानक प्रोटोकॉल्स के माध्यम से संचालित होता है ।
अगर सही शब्दों में कहे तो दुनिया के सभी कम्प्युटरों का आपस में जुड़ना ही इंटरनेट है। जब यह नेटवर्क (INTERNET) एक दूसरे से कनेक्ट हो जाते है तो हम एक नेटवर्को के विशाल जाल का हिस्सा बन जाते है जिसे Global Network कहते हैं और इस नेटवर्क से जुडें किसी भी कम्प्युटर में उपलब्ध कोई भी सूचना का आदान प्रदान कर सकते है|
इंटरनेट कनेक्टेड नेटवर्क (INTERNET CONNECTED NETWORK) की एक विश्वव्यापी प्रणाली है। प्रत्येक नेटवर्क में लाखों COMPUTER,SARVER, ROUTER और PRINTER वर्क करते हैं। INTERNET की तरह टेलीफोन नेटवर्क की भी अंतरराज्यीय राजमार्ग प्रणाली हैं। आप लोगों ने INTERNET के बारे में इसका नाम सुचना के सुपर हाईवे के रूप में भी सुना होगा। इंटरनेट का स्वामित्व और रख-रखाव अलग-अलग कंपनियों द्वारा किया जाता है, लेकिन स्वामित्व की परवाह किए बिना उन सभी में संदेश और डेटा चलते रहते हैं |
इंटरनेट की परिकल्पना 1969 में अमेरिकी सरकार की एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (ARPA) के द्वारा की गई थी और इसे पहले ARPANet के नाम से भी जाना जाता था। इसका मूल उद्देश्य एक ऐसा नेटवर्क बनाना था जो एक विश्वविद्यालय में एक शोध कंप्यूटर के उपयोगकर्ताओं को “अन्य विश्वविद्यालयों में शोध कंप्यूटरों से बात करने” की अनुमति प्रदान कर सके ARPANet के डिज़ाइन का एक लाभ यह था,
क्योंकि इसमें संदेशों को एक से अधिक दिशाओं में फिर से चलाया जा सकता था, अगर कोई सैन्य हमला हुआ या अन्य कोई आपदा की स्थिति में इसके कुछ हिस्सों को नष्ट कर दिया गया, तो भी नेटवर्क कार्य जारी रख सके | world में इंटरनेट की शुरुवात 1 january 1983 को की गयी और उसके बाद assemble करने का काम Researchers ने स्टार्ट किया गया जिसे आज के समय में INTERNET के नाम से जाना जाता है |
भारत में इंटरनेट सर्विस को 14 august 1995 को पब्लिक में available करवाया गया इसको Videsh Sanchar Nigam Limited विदेश संचार निगम लिमिटेड के द्वारा उपलब्ध करवाया गया
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3. इंटरनेट कैसे काम करता है ?
इंटरनेट क्या होता है और इसकी सुरुवात कैसे हुई यह तो हमने जान लिया अब जानेंगे इंटरनेट कैसे काम करता है |
इंटरनेट में कम्प्युटर आपस इस तरह जुडे होते है जिस तरह हमारे टेलिफोन आपस में जुडे होते है। हमें अपने कम्प्युटर को इंटरनेट से जोडने के लिए ‘Internet Service Provider‘ (इंटरनेट सेवा प्रदाता) से इंटरनेट कनेक्शन लेना होता है क्योंकि Internet Service Provider‘ (इंटरनेट सेवा प्रदाता) इंटरनेट से जुडे रहते है।
जैसे VODAFONE,AIRTEL,RELIENCE JIO,BSNL आदि यह हमे इंटरनेट से जुडने का एक रास्ता प्रदान करते है।इस कनेक्शन को अपने कम्प्युटर या मोबाइल में केबल या वायरलेस के माध्यम से जुड़ सकते है।जब हम इंटरनेट से जुडे होते है तो इस प्रक्रिया को “ONLINE” कहते है।
तकनीकी रूप से, जो इंटरनेट को अलग करता है, वह ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल / इंटरनेट प्रोटोकॉल ( टीसीपी / आईपी ) नामक प्रोटोकॉल है। इंटरनेट प्रौद्योगिकी के दो हालिया रूपांतरण, इंट्रानेट और एक्स्ट्रानेट , टीसीपी / आईपी प्रोटोकॉल का उपयोग भी किया जाता हैं।
इंटरनेट के दो प्रमुख पार्ट है NETWORK PROTOCOLऔर दूसरा HARDWARE। प्रोटोकॉल, टीसीपी / आईपी सूट , कार्यों को पूरा करने के लिए होते है। प्रोटोकॉल के इस संग्रह के बिना, मशीनें संवाद करने में सक्षम नहीं होती है
हार्डवेयर, INTERNET का दूसरा प्रमुख घटक होता है ,जिसमे कंप्यूटर और मोबाइल जैसे सभी हार्डवेयर शामिल होते है इंटरनेट का उपयोग उन केबलों तक करने के लिए किया जाता है जो एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक जानकारी उपलब्ध करवाती हैं दूसरे अन्य हार्डवेयर में उपग्रह , रेडियो, सेल फोन टॉवर, राउटर और सर्वर शामिल होते है
ये विभिन्न प्रकार के हार्डवेयर नेटवर्क के भीतर कनेक्शन स्थापित करते हैं। कंप्यूटर, स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे हार्डवेयर क्लाइंट हैं ,जबकि जानकारी स्टोर करने वाली मशीनें SARVER होती हैं । डेटा का आदान-प्रदान करने वाली ट्रांसमिशन लाइनें या तो उपग्रह या 4 जी और सेल फोन टॉवर, या भौतिक लाइनों, जैसे कि केबल और फाइबर ऑप्टिक्स का उपयोग करती है
एक डिवाइस से दूसरे में जानकारी स्थानांतरित करने की प्रक्रिया पैकेट स्विचिंग पर निर्भर करती है। इंटरनेट से जुड़ा प्रत्येक कंप्यूटर को एक विशिष्ट आईपी पता सौंपा जाता है जो की डिवाइस को पहचानने की अनुमति देता है। जब एक डिवाइस किसी अन्य डिवाइस पर संदेश भेजने का प्रयास करती है, तो डेटा को प्रबंधनीय पैकेट के रूप में इंटरनेट पर भेजा जाता है । प्रत्येक पैकेट को एक पोर्ट नंबर दिया होता है जो इसे एक बिंदु से जोड़ता है
एक पैकेट जिसमें एक अद्वितीय आईपी पता और पोर्ट नंबर होता है, इसको अल्फाबेटिक टेक्स्ट से इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल में अनुवाद किया जा सकता है, जो OSI मॉडल की परतों से शीर्ष एप्लिकेशन परत से नीचे की भौतिक परत तक जा सकता है । इसके बाद संदेश इंटरनेट पर भेजा जाता जहां यह Internet Service Provider इंटरनेट सेवा प्रदाता ( आईएसपी ) राउटर द्वारा प्राप्त किया जाता है। राउटर प्रत्येक पैकेट को निर्दिष्ट गंतव्य पते की जांच करता है और यह निर्धारित करता है कि इसे कहां भेजना है।
जब पैकेट ग्राहक तक पहुंचता है और ओएसआई मॉडल के निचले स्तर तक से शीर्ष एप्लिकेशन परत तक रिवर्स में यात्रा करता है।तो इस प्रक्रिया के दौरान, रूट डेटा – पोर्ट नंबर और आईपी एड्रेस – पैकेट से ले लिया जाता है, इस प्रकार डेटा को अल्फाबेटिक टेक्स्ट में वापस ट्रांसलेट करने और ट्रांसमिशन प्रक्रिया को पूरा करने की अनुमति मिलती है।
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4. इंटरनेट का मालिक कौन है ?
इंटरनेट क्या होता है – दोस्तों आपको यह जानकर हैरानी होगी की इंटरनेट का कोई भी मालिक नहीं है इंटरनेट का मालिक कोई एक व्यक्ति, संस्था, कम्पनी नहीं हो सकती। और न ही इंटरनेट किसी देश ,सरकार या कंपनी की सम्पति है और यह किस देश कंपनी द्वारा नियंत्रित नहीं है इंटरनेट का आविष्कार अलग-अलग कंपनियों, संस्थाओं, व्यक्तियों द्वारा हुआ है इंटरनेट का मालिक इंटरनेट का उपभोगता है वो भी तब जब वह एक इंटरनेट की सेवाएं लेता है Internet Service Provider से सिमित अवधि और सिमित डाटा तक ही होता है वह उस सिमित इंटरनेट का मालिक होता है |
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